दमन गंगा नदी में बढ़ता प्रदूषण
प्रदूषण विभाग की उदासीनता या मिलीभगत
(जितेंद्र शर्मा)
सिलवास । दादरा नगर हवेली की एकमात्र जिसे दमन गंगा नदी के नाम से जाना जाता है। इस नदी का प्रदेश में आगमन नासिक की गोदावरी और कई छोटे-छोटे पानी के स्रोतों से मिलकर हुआ था। साठ के दशक तक नदी का स्वच्छ पानी पीने योग्य हुआ करता था किंतु दादरा नगर हवेली के उद्योगों ने नदी के पानी को इतना दूषित कर दिया है कि पीना तो दूर अब नहाने के लायक भी नहीं रह गया है। दानह के उद्योगों का केमिकल और तेजाब युक्त पानी इसमें कहीं चोरी छुपे तो कहीं खुलेआम बहाया जाता है। प्रदूषण विभाग के अधिकारियों की उदासीनता या मिलीभगत से नदी का पानी पूर्ण रूप से प्रदूषित हो चुका है और भूजल को भी प्रदूषित कर दिया है।इसका नतीजा यह हुआ कि लोगों को या तो पानी खरीदकर पीना पड़ता है या नगर पालिका द्वारा स्वच्छ पेयजल सप्लाई पर निर्भर होना पड़ता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस नदी किनारे वर्षों पूर्व धीमन नामक ऋषि ने कठोर तपस्या की थी इसलिए इस नदी को देमनी गंगा नदी कहा जाता था । पुर्तगाली शासन के दौरान पुर्तगाली देमिनी नहीं बोल पाते थे इसलिए वह दमन बोलने लगे और तभी से नदी का नाम दमन गंगा नदी पड़ गया। कहा जाता है कि इसी पवित्र नदी के किनारे से होकर भगवान राम अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान लक्ष्मण और अर्धांगिनी सीता जी के साथ गुजरे थे और अपना कुछ समय भी यहां बिताया था किंतु प्रदूषण विभाग के अधिकारी इन सब बातों से अनभिज्ञ हैं और इसे प्रदूषित होता देख रहे हैं। प्रदूषण विभाग के पास वाटर पोलूशन सिस्टम नहीं है। वाटर पॉल्यूशन चेकिंग के पाइंट कहीं भी नहीं दिए गए हैं। कोई शिकायत मिलने पर विभाग प्रदूषित पानी की जांच के लिए अन्य प्रदेशों की लेबोरेटरी मैं जांच कराने भेज देता है क्योंकि उसके पास अपनी लैब भी नहीं है। विभाग इन सब खामियों को दूर करने की बजाय स्टाफ की कमी का रोना रोकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेता है। जो उद्योग या कंपनियां दमणगंगा नदी को दूषित करने में संलग्न हैं उन पर कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है क्योंकि इससे प्रदेश में प्रदूषण बढ़ रहा है। नदी का पानी खेती में सिंचाई योग्य नहीं रह गया है। नदी में मछलियां और अन्य जल जीव समाप्त हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंगा को स्वच्छ करने का एक बड़ा अभियान चला रहे हैं क्या दानह एवं दमन एवं दीव के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल भ्रष्टाचार की सफाई के साथ-साथ स्वच्छ ??दमन गंगा नदी का अभियान नहीं चला सकते?