*पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों के स्वास्थ्य की निगरानी एवं समय पर उपचार सुनिश्चित करने के लिये अनूठी पहल*

*पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों के स्वास्थ्य की निगरानी एवं समय पर उपचार सुनिश्चित करने के लिये अनूठी पहल*
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*आईजी श्री विवेक शर्मा ने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने और एहतियात बरतने के लिये जारी किये दिशा-निर्देश*
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*स्वास्थ्य सखा/स्वास्थ्य सखी की बनाई गयी कार्ययोजना*
इंदौर 10 मई,2020
 कोरोना महामारी के दौरान इंदौर में पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों के स्वास्थ्य की निगरानी और समय रहते उपचार सुनिश्चित करने के लिये अनूठी पहल की जा रही है। इसके लिये स्वास्थ्य सखा/ स्वास्थ्य सखी की अवधारणा पर कार्य की शुरुआत की गयी है। इसके तहत पुलिस अधिकारी-कर्मचारी स्वास्थ्य सखा/स्वास्थ्य सखी बनकर अपने सहयोगियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखेंगे तथा समय रहते बीमारी का पता कर समय पर उपचार सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य करेंगे। 
 पुलिस महानिरीक्षक श्री विवेक शर्मा ने बताया कि कोरोना के विरुद्ध जारी अभियान के दौरान कुछ ऐसे प्रकरण देखने में आए हैं, जिसमें कि विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा कोरोना से मिलते जुलते लक्षण पाए जाने पर भी इसे गंभीरता से नहीं लिया गया, जब उनकी बीमारी कुछ दिन तक नियंत्रित नहीं हुई तब वह हॉस्पिटल में भर्ती हुए,जहाँ पर टेस्ट के पश्चात वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए। एक तरफ तो बीमारी के लक्षण नहीं बताये जाने पर उनके देर से हॉस्पिटल पहुँचने पर उनकी स्थिति खराब हुई। चिकित्सकों को भी उनकी हालत सुधारने में काफी परिश्रम करना पड़ा। वहीं दूसरी ओर समय पर सूचना नहीं किये जाने पर अपने साथी कर्मचारियों को भी संक्रमित करने की आशंका उत्पन्न हुई । 
 इस तरह की परिस्थिति भविष्य में उत्पन्न न हो इसके लिए आईजी श्री शर्मा ने निर्देश दिये कि समस्त थाना/कार्यालय/पुलिस लाईन/अन्य यूनिट में पदस्थ सभी अधिकारी/कर्मचारियों को दो-दो के ग्रुप में (buddy pair  बनाकर) बांटा जाए, जिसमें की दोनों अधिकारी/कर्मचारी एक दूसरे के स्वास्थ्य सखा/सखी के रूप में कार्य करें। आईजी श्री शर्मा ने कहा कि स्वास्थ्य सखा/सखी यथासंभव एक ही रैंक  और एक ही जेण्डर के हों। उन्होंने निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाये कि अपने स्वास्थ्य सखा/सखी के स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी रखें कि कहीं उन्हें मधुमेह/हृदयरोग/अस्थमा/केंसर/अन्य कोई गम्भीर बीमारी तो नहीं है और अगर है तो और तत्परता से अपने साथी का ध्यान रखें। प्रतिदिन अपने स्वास्थ सखा/सखी के संबंध में यह सुनिश्चित करें कि उन्हें सर्दी/खाँसी/जुखाम/बुखार इत्यादि कोई समस्या तो नहीं है और यदि है तो इस संबंध में थाना प्रभारी को बताएंगे। अगर सर्दी/खाँसी/जुखाम/बुखार इत्यादि के संबंध में कोई उपचार प्रारम्भ हुआ है और अगर दो दिवस में वह ठीक नहीं हुआ है तो उसका यूनिट प्रभारी से सम्पर्क कर मेडिकल टीम द्वारा स्क्रीनिंग करवाएंगे। यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रतिदिन स्वास्थ्य सखा/सखी द्वारा कम से कम 2 बार काढ़ा और कम से कम एक बार ओआरएस के घोल का सेवन किया गया अथवा नहीं।
    उन्होंने कहा  कि उपरोक्त व्यवस्था का उद्देश्य है कि प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारी ड्यूटीरत रहते हुए अपने अलावा अपने buddy pair में शामिल अधिकारी/कर्मचारी की सेहत का भी ध्यान रखें और यदि उन्हें कोई भी प्रतिकूल लक्षण परिलक्षित होते हैं तो वह यूनिट प्रभारी को अवगत कराकर उसे स्वास्थ्य उपचार मुहैया कराना सुनिश्चित करें। अगर भविष्य में कोई अधिकारी/कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है और यह तथ्य संज्ञान में आता है कि वह कुछ दिनों से बीमार था और उसकी जानकारी सक्षम अधिकारी को नहीं मिल पायी तो इसे उसके स्वास्थ्य सखा/सखी की लापरवाही के रूप में देखा जायेगा।
  प्रत्येक यूनिट प्रभारी का यह कर्तव्य होगा कि अगर उनकी यूनिट का कोई अधिकारी/कर्मचारी बीमार होता है तो तत्काल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री गुरू प्रसाद पाराशर से संपर्क करें ताकि जल्द से जल्द आवश्यकता अनुसार संबंधित का मेडिकल परीक्षण कराया जाकर तदानुसार ईलाज प्रारम्भ कराया जा सके।
 आईजी श्री शर्मा ने सभी अधिकारियो/ कर्मचारियों से कहा है कि कोरोना के विरुद्ध इस अभियान में पुलिस अधिकारी/कर्मचारी का स्वस्थ रहना अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। यह तब तक सम्भव नहीं हो पायेगा जब तक हम लोग स्वयं अपनी सेहत पर ध्यान नहीं देंगे और साथ ही अपने साथियों कि सेहत की भी जिम्मेदारी आपस में नहीं बाटेंगे। सभी यह सुनिश्चित करें कि अगर किसी साथी अधिकारी/कर्मचारी द्वारा अपनी सेहत के प्रति शिथिलता बरती जाती है तब हम बिना किसी हिचक के उसके स्वास्थ हित में तत्काल इसकी जानकारी यूनिट प्रभारी को दें। स्वस्थ रहे बिना हम इस जंग में विजयी नहीं हो पाएंगे।