अशासकीय विद्यालयों को फीस भुगतान के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी
,किंतु जमीनी हकीकत पर भी प्रशासन की तैयारी की है जरूरत!
बुरहानपुर 30 मई, 2020 - मध्य प्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा लॉकडाउन अवधि में पालकों द्वारा गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों को फीस भुगतान के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये गये है। वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए अशासकीय विद्यालय द्वारा लॉकडाउन अवधि में मात्र शिक्षण शुल्क प्रभारित किया जा सकेगा एवं इसके अतिरिक्त अन्य किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा।
इस संबंध में जिला बुरहानपुर में जिला शिक्षा अधिकारी श्री सैयद अतीक अली ने प्राचार्य/संचालक समस्त अशासकीय शालाओं को निर्देश दिये है कि लॉकडाउन अवधि में एक साथ फीस जमा कराये जाने हेतु किसी भी प्रकार का दबाव ना डाला जाये। यदि किसी भी शैक्षणिक संस्थान द्वारा निर्देशों की अवेहलना की जाती है तो इसे अनुशासनात्मक माना जाकर शाला की मान्यता समाप्ति की कार्यवाही की जायेगी।
लेकिन स्कूल अभी शुरू होने को कुछ ही दिन बाकी है,, अब यातायात विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनोती यह है कि विगत वर्षानुसर अनफिट वाहनों को दौड़ा कर स्कूल संचालकों की मनमानी को कैसे रोका जाय,अब पिछले कई महिनो से वाहन खड़े है,स्कूल संचालकों की आर्थिक तंगी जग जाहिर सी बात है हालत खराब है,,,, अब देखना यह है कि क्या यातायात विभाग स्कूल वाहनों का फिटनेस औऱ समस्त गाइडलाइंस फ़ॉलो करने पर सख़्ती दिखाना उचित समझता है या गत वर्षानुसार दिखावे की कार्यवाही कर स्कूली बच्चों की जान जोखिम में डालने पर भी अपनी आंखें मूंद लेगा,,यातायात विभाग की अनदेखी के कारण खकनार बस हादसा हो या दोईफोडिया जीप हादसा अभी भी उस सिहरन कोई नही भुला,,और शहरी क्षेत्र में कुछ स्कूल वाहनों में कुछ हदतक नियमो का पालन होता भी होगा किन्तु ग्रामीण क्षेत्र की हालत बद से बत्तर है,, वाहन का फिटनेस,,बीमा ,नियमानुसार वाहन पीले कलर का ही होना जरूरी है,
वाहन में केमेरा, महिला कंडक्टर ,परिचालक की वर्दी,बेंच, यह सब बातें नदारद मिलेगी,,कुछ स्कूल संचालक तो प्रायवेट खटारा वाहनों में ही बच्चों को क्षमता से अधिक ठूस ठूस कर भरने एव बच्चों को मौत के मुंह मे भेजने में कोई कसर नही छोड़ते,, क्योकि कमाई ही मुख्य उद्देश्य है,,,,नियम गए तेल लेने,,,अब इसे यातायात विभाग की साठगांठ कहे या स्कूल संचालकों की मनमानी यह अबतक कोई समझ नही सका,,,
अब देखना यह भी है कि शिक्षा विभाग के वर्तमान फरमान को स्कूल संचालक कितना महत्व देते है,, क्योकि सुनने में यह भी आया है कि कुछ समय पहले फीस न भर पाने के कारण स्कूल संचालकों द्वारा पालको को मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने एवम विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित करने,परीक्षा परिणाम रोकने जैसी धमकी देने की खबरे भी आयी है,,
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फीस वसूली के संदर्भ में प्रशासन के निर्देश सराहनीय एवं पालको के लिए राहत भरी पहल है,,लेकिन अब देखना यह है कि इस दायित्व को कोन कितना निभाता है,,,,,
बुरहानपुर से स्टिंग नेशन समाचार के लिए
ब्यूरोचीफ डॉ,प्रविण पाटिल