शहर का मध्य इलाका बन रहा...नकली खाद्य सामग्री का अड्डा उदयसिंह राजपूत खाद्य विभाग और जिला प्रशासन की निष्क्रियता के चलते शहर का मध्य इलाका कहलाने वाला मल्हारगंज इन दिनों नकली घी और दूध बेचने का अड्डा बना हुआ है। एक पखवाड़े में यहां आठ दुकानों-कारखानों से बड़ी मात्रा में खाद्य सामग्री जब्त की गई है, जिसमें इसका खुलासा हुआ है। खाद्य विभाग की मानें तो कई दूध डेयरियां, दूध दुकानों पर भी मिलावटी व पावडर दूध धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। शहर के अलग-अलग बाजारों में नकली व मिलावटी सामग्रियां बड़े पैमाने पर बिक रही है ,जिला प्रशासन और संबंधित विभाग की निष्क्रियता के चलते खरीददारों का शोषण जारी है। यदाकदा कार्रवाई को अंजाम देकर विभागीय अधिकारी सक्रियता का ढोल पीटते हैं। नकली सामग्री के कारोबारियों पर शिकंजा नहीं कसने से वे बेखौफ हैं। छापेमारी के बाद विभाग व्यापारी से सांठगांठ कर उसे क्लीनचिट दे देता है, यही कारण है कि व्यापारी फिर अपनी कारगुजारी करने लगता है। यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा है। ये बाजार चिन्हित..... जेलरोड( मोबाइल, इलेक्ट्रानिक आयटम) - महारानी रोड(इलेक्ट्रानिक व चाइना आयटम) - द्वारकापुरी (नकली दवाइयां, कास्मेटिक)- मल्हारगंज (दूधघी) - पलासिया व आसपास(मिठाई, मावा आदि) -सरवटे बस स्टैंड अमानक भोजन) -एरोड्रम( नकली कास्मेटिक)। प्रमुख चौराहों पर दिखेंगे मिलावटखोरों के फोटो....खाद्य सामग्री में मिलावट करने वालों को जिला प्रशासन चालानी कार्रवाई के बीच सार्वजनिक रुप से प्रताड़ित करने की कोशिश में लगा है। चौराहों पर इन मिलावटखोरों के नाम पते के साथ फोटो भी चस्पा की जाएंगे, ताकि वे इस काम से तौबा कर लें। इसके बावजूद मिलावटखोर अपनी कारगुजारी से बाज नहीं आ रहे। कमोबेश रोजाना मिलावट की शिकायत खाद्य विभाग और जिला प्रशासन को मिल रही है। विभाग अपने स्तर पर कार्रवाई कर सेम्पल लेकर जांच हेतु भोपाल स्थित लैब भेज रहा है। कुछ अमानक सामग्रियां भी जब्त की जाती है। कड़ी सजा नहीं मिलने से मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। वे लैब से जांच रिपोर्ट आने से पहले ही दबाव प्रभाव डालकर कार्रवाई से बच जाते हैं। यही कारण है कि जिला प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद मिलावटी सामग्री का निर्माण व बिक्री थमने का नाम नहीं ले रही है। सूत्र बताते हैं कि इसे देखते हुए अब जिला प्रशासन ने दूसरा रास्ता निकाला है। शहर के प्रमुख चौराहों के साथ मिलावटखोरों के घर-कार्यालय के आसपास फोटो, नाम उल्लेखित किया जाएगा, ताकि मिलावटखोर सार्वजनिक रुप से बहिस्कृत हो सके। दुकानों पर तैयार होने वाली मिठाई के लिए एक जून से लागू होगी गाइड लाइन.. दुकानों पर तैयार कर खुले रूप से बेची जाने वाली मिठाइयों के लिए भी अब गाइड लाइन निर्धारित होगी। जो एक जून से लागू होने जा रही है। मिठाई निर्माता व विक्रेता को निर्माण की तिथि और उपयोग करने योग्य तिथि भी पैकेट पर अंकित करना होगा मिलावटी और बासी मिठाई खाने से होने वाली बिमारी तथा आने वाली शिकायतों को देखते हुए गाइड लाइन के अनुसार निर्माता और विक्रेता को मिठाई के डिब्बे पर यह अंकित करना होगा कि मिठाई कब बनाई गई है और इसे कब तक खा सकते हैं। नई गाईड लाइन तय करने से पहले विभाग जिलो में आयोजन कर जानकारी देगा। खाद्य सुरक्षा अधिकारी मिठाई व्यवसासियो और निर्माताओं की काउंसलिंग कर एफएसएसएआई की नई गाइड लाइन के बारे में जानकारी देंगे। इस संबंध में उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। नई गाइड लाइन के अनुसार बाजार में दूध, दुग्ध उत्पाद व अन्य खाद्य पदार्थों से बनी मिठाइयों को तैयार कर खुले व खुदरा मूल्य पर बेचा जाता हैंखुली मिठाई जो थोक में नहीं बेची जाती उसके लिए उन्हें ट्रे में मिठाई की दर दर्शाना होगी। वे ट्रे में मिठाई की कीमत के साथ ही उसके निर्माण और उपयोग करने की समय सीमा भी दर्शाना होगी। गाइड लाइनबन जाने से लोगो को बासी मिठाई से मुक्ति मिलेगी। जाच के दौरान यदि मिठाई की तिथि निकलने के बाद भी बिकती नजर आएगी तो नियमानुसार कार्रवाई भी होगी। उल्लेखनीय है कि खाद्य एवं सुरक्षा विभाग की कार्रवाई के दौरान बासी और खुली मिठाई के मामले सबसे अधिक सामने आए है की बार खुली और बासी मिठाइयां खाने से लोग बीमार भी हो चुके है। दुकानों पर एक ही तरह की मिठाई के लिए ग्राहको से अलग-अलग दर वसूली जाती है। वह कब बनाई गई है और कब तक उसका उपयोग हो सकता है यह ग्राहक को पता ही नहीं होता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए यह गाइड लाइन तय की जा रही है |
शहर का मध्य इलाका बन रहा... नकली खाद्य सामग्री का