बंधक बनाकर अधमरा होने तक पीटते रहे 

बंधक बनाकर अधमरा होने तक पीटते रहे
महिला मित्र के कॉल करने पर मिलने के लिए गया था 
युवती के परिजनों ने घेर लिया, बेहोश होने पर कार की डिक्की में ले जाकर फेंका 
इंदौर। अपनी महिला मित्र के द्वारा कॉल करने पर पहले तो युवक ने उससे रात के समय मिलने से मना कर दिया, लेकिन उसने दबाव बनाया तो उसके घर पर मिलने चला गया, जहां घर के पास ही युवती के परिजनों ने उसे घेर लिया और बंधक बनाकर बुरी तरह तब तक पीटते रहे, जब तक वह अधमरा और बेहोश नहीं हो गया। बाद में उसे कार की डिक्की में डालकर ले गए और सूनसान जगह पर फेंककर भाग गए। घायल की शिकायत पर पुलिस ने युवती के परिजनों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करउनकी तलाश शुरू कर दी है। 
घटना परदेशीपुरा थाना क्षेत्र की है। पुलिस के मुताबिक  सर्वहारा नगर में रहने वाले 20 वर्षीय अमन  पिता सत्यनारायण  ने कल अतुल पिता सीताराम सेन, प्रहलाद और शैलेन्द्र उर्फ शैलु  सभी निवासी नंदानगर के खिलाफ मारपीट और अपहरण सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कराया। अमन ने पुलिस को बताया कि मेरी नंदानगर मे रहने वाली लड़की इशिका से करीब एक वर्ष से दोस्ती है। 19 अक्टूबर को रात्रि 11.30 बजे इशिका का मेरे मोबाईल पर फोन आया कि कहां पर हो तो मैंने कहा कि घर पर हूं। । इशिका का रात 2.30 बजे के करीब फिर फोन आया तथा वह बोली कि घर आ जाओ तो मैंने उसके घर जाने से मना किया। इस पर उसने दबाव बनाते हुए कहा कि आ जाओ कुछ बात क्लियर करना है। नहीं आए तो मैं कुछ कर लूंगी। इस पर मैं अपने घर सर्वहारा नगर से इशिका के घर के पास गली में गया। यहां इशिका के परिवार के लोग पहले से ही छिपकर खड़े थे। 
इशिका के चाचा के लड़के अतुल सेन ने पीछे से पकड़ लिया तथा इशिका के पिता शैलेन्द्र उर्फ शैलु एवं दादा प्रहलाद ने सामने से पकड़ लिया और बातचीत करने के बहाने अपने घर के अंदर ले गए और बोले कि बहुत फोन लगाता है। आज तुझे यही खत्म कर देते हैं तथा मेरा मुँह कपड़े से बांध दिया और बाँस के डण्डो से एवं लात घूंसो से मारना शुरु कर दिया, जिससे मुझे सिर के बाँये तरफ, बाँये हाथ, दाहिने हाथ, दाहिने हाथ कि अंगुली, पीठ, कंधे, जाँघ दोनो पैर के घुटनो,  पीठ, गर्दन आदी पर चोट आई। 
होश आया तो सड़क पर था 
मैं बेहोशी हालत मे हो गया था तो इन लोगो ने मेरे हाथपैर रस्सी से बाँध दिए तथा मुझे घर के अंदर से उठाकर बाहर लाकर कार की डिक्की में बंद कर दिया। इसके बाद मुझे पता नही चला कि कहां लेकर जा रहे है। मैं बेहोश हो गया था। सुबह करीब 5.30 बजे के आसपास का समय रहा होगा। मुझे होश आया तो मैं देवास बायपास रोड़ पर पड़ा था। मैंने एक आदमी को रोककर बोला कि थाने अथवा 108 एम्बुलेंस को फोन लगा दो। उसने 108 एम्बुलेंस को फोन लगाया कुछ देर बाद एम्बुलेंस आ गयी तथा जिला अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया।
 फिर देवास पुलिस आ गयी थी इसके बाद एक पेशेन्ट से फोन लेकर अपनी मां को फोन लगाकर बताया तो मेरे घरवाले आ गये तो जिला अस्पताल देवास से इंदौर एमवायएच लेकर आये यहां ईलाज के बाद एमण्वायण्एचण् से बीमा अस्पताल ट्रांसफर कराकर आ गये थे जहाँ पर ईलाज चल रहा है। मामले में पुलिस ने अमन की शिकायत पर तीनों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करउनकी तलाश शुरू कर दी है।