हनी ट्रेप - रात में फिर की पूछताछ  पांचों के बयानों का क्रास चेक, जल्द होगा नामों का खुलासा  

हनी ट्रेप - रात में फिर की पूछताछ  पांचों के बयानों का क्रास चेक, जल्द होगा नामों का खुलासा  इंदौर। हनी ट्रेप मामले में जांच करत हुएएसआईटी की टीम नए-नए खुलासे कर रही है, वहीं मोनिका और आरती को कल फिर से कोर्ट में पेश किया गया। साथ ही जेल में बंद दोनों श्वेता और बरखा को भी लाया गया था। यहां कोर्ट ने श्वेता स्वपनिल जैन, श्वेता और बरखा सोनी का 30 सितंबर तक पुलिस रिमांड दिया है। वहीं, आरती और मोनिका को 1 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा है। अब पुलिस पांचों का आमना-सामना कराकर पूछताछ करते हुए बयानों को क्रास चेक करेगी। इससे पुलिस का मानना है कि आमना-सामना होने पर और भी जानकारियां निकलकर सामने आएगी। कल रात में एसआईटी टीम के सदस्य एएसपी क्राइम ब्रांच अमरेंद्रसिंह ने रात में आरोपी युवतियों से सघन पूछताछ की। वहीं एसआईटी की टीम के सदस्यों ने इंदौर और भोपाल में अपनी जांच तेज कर दी हे, जिसमें कई अहम जानकारियां मिली है। इसके आधार परमाना जा रहा है कि इस केस में और नामों का जल्दी ही खुलासा होगा।  हर बार लालच देता रहा हरभजन  पुलिस सूत्रों ने दावा किया कि गिरफ्तारी के 10वें दिन आरोपी आरती दयाल ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने एसएसपी और फिर एएसपी क्राइम ब्रांच व सायबर सेल के अफसरों के सामने एक-एक कर सारे राज खोले। उसने बताया कि वह इंदौर में सिर्फ एक ठेका चाहती थी, लेकिन 7 महीने बाद भी इंजीनियर हरभजन सिंह उसे कोई टेंडर नहीं दिला रहा था। हर बार किसी होटल में मुलाकात करता और 8-10 करोड़ के टेंडर देने का लालच देता था। इसके बाद लगा कि उसे अब सबक सिखाना जरूरी है। फिर छात्रा को उससे मिलवाया। दोनों का वीडियो बनाया और हरभजन से 3 करोड़ की डिमांड की। आरती और छात्रा को पुलिस ने 17 सितंबर को गिरफ्तार किया था, लेकिन वह पुलिस को सहयोग नहीं कर रही थी। जब पुलिस छात्रा को भोपाल से लेकर गई और 12 घंटे तक आरती अकेली रही तो उसने बयान देने का मन बनाया। उधर, सरकारी गवाह बन चुकी छात्रा को पलासिया टीआई की शशिकांत चौरसिया की टीम भोपाल ले गई। उन्होंने आरती के घर छापा मारा, कुछ गैजेट्स बरामद किए। वहां की होटलों, फ्लैट व अन्य जानकारियां जुटाई।  टीआई ने आरोप को नकारा  हनीट्रैप के मामले में पुलिस मेडिकल के लिए आरोपित आरती दयाल को लेकर एमवाय अस्पताल पहुंची। मीडिया के सामने उसने कहा कि मैं निर्दोश हूं, मुझसे कोरे कागज पर जबरन साइन करवाए जा रहे हैं। आरती ने यह आरोप पलासिया टीआई पर लगाए। इसके पहले यह बात सामने आई थी कि आराती पुलिस पूछताछ में टूट गई और उसने यह कबूल कर लिया है कि उनके गिरोह ने कई हस्तियों को ब्लैकमेल किया है। आरती ने यह भी कबूला कि हरभजन करोड़ों के ठेके और मोनिका को नौकरी का झांसा दे रहे थे। इसके बाद ही तीन करोड़ रुपए की मांग शुरू की गई थी। इस खुलासे के बाद पुलिस ने हरभजन को कोर्ट में बयान और पूछताछ के लिए नोटिस जारी कर दिया। उधर, आरती के आरोप को टीआई ने नकारा है। उनका कहना है कि आरती झूठे आरोप लगा रही है।  मोनिका परिजनों से फिर पूछताछ  उधर पुलिस ने एक बार फिर मोनिका के परिजनों को इंदौर बुलाया है। परिजनों को इंदौर बुलाने के पीछे के कारणों का पुलिस ने खुलासा नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि उनसे फिर सेपूछताछ की गई है। उधर, इस पुरे मामले में मोनिका को बचाने की तैयारी चल रही है। कारण है की पुलिस जांच में सामने आया था की ब्लेकमेलिंग गैंग ने मोनिका का इस्तमाल किया है। इसी के चलते उसके पिता की शिकायत पर सभी आरोपितों पर मानव तस्करी का मामला दर्ज किया गया था। वसूली से जीती थी लग्जरियस लाइफ हनी ट्रैप मामले की सभी आरोपी लग्जरियस लाइफ जीती थीं। इनकी शानो शौकत देख लोग हैरान रहते थे। आरोपियों के पास ऑडी और मर्सिडीज जैसी लग्जरियस गाडिय़ां थीं। साथ ही पॉश सोसयटी में या तो इनके खुद के घर हैं या फिर हजारों रुपये किराए के रूप में चुकाती थीं। यहीं नहीं कॉस्मेटिक चीजें ये विदेशों से मंगाती थीं। उधर, हनी ट्रैप मामले में अब कार्रवाई शुरू हो गई है। इंजीनियर के सस्पेंड होने के बाद अब आरोपियों के खिलाफ एसआईटी के एक्शन शुरू हैं। इस गिरोह की मास्टरमाइंड श्वेता विजय जैन और आरती दयाल पर अब कार्रवाई हुई है। आरती और श्वेता ने ब्लैकमेलिंग के धंधे से अकूत संपत्ति कमाई है। आरती दयाल और श्वेता विजय जैन इस गिरोह की सरगना है। एसआईटी ने दोनों के खिलाफ पहली कार्रवाई की है। दो बैंक अकाउंट और दो बैंक लॉकर एसआईटी ने सील कर दिए हैं। सील किए गए अकाउंट और लॉकर आरती दयाल और श्वेता विजय जैन के हैं। दोनों खातों और लॉकरों की अब एसआईटी जांच करेगी।